मुँह में कालिख लगाना, मुहावरा बुरा काम करने पर कलंक लगना।
3.
बनना सफ़ेदपोश तो कालिख लगाना सीख उंगली उठाना बन गया अब तो हुनर की बात
4.
मैं अपने मुंह में कालिख लगा कर उनके मुख में कालिख लगाना चाहती हूं मैअपने प्राणदेकर उन्हे प्राणदण्ड दिलाना चाहती हूं।
5.
वह माहिर के मुँह में कालिख लगाना चाहती थी, चाहती थी कि दुनिया मेरी दशा को देखे और इन पर थूके।
6.
मैं अपने मुंह में कालिख लगा कर उनके मुख में कालिख लगाना चाहती हूं मैअपने प्राणदेकर उन्हे प्राणदण्ड दिलाना चाहती हूं।मेरा नारीत्व लुप्त हो गया है, ।
7.
हमने छुपा के रखी थी सबसे जिगर की बात सुनते हैं फिर भी गैरों से, अपने ही घर की बात छोटी सी बात से ही तो बुनियाद हिल गयी मज़बूत हैं कहते रहे, दीवार ओ दर की बात बनना सफ़ेदपोश तो कालिख लगाना सीख उंगली उठाना बन गया अब तो हुनर की बात बातें फक़त बनाने में न...
8.
हमने छुपा के रखी थी सबसे जिगर की बात सुनते हैं फिर भी गैरों से, अपने ही घर की बात छोटी सी बात से ही तो बुनियाद हिल गयी मज़बूत हैं कहते रहे, दीवार ओ दर की बात बनना सफ़ेदपोश तो कालिख लगाना सीख उंगली उठाना बन गया अब तो हुनर की बात बातें फक़त बनाने में न
9.
इस कातिल जंजीर को क्योंकर तोड़ दूं? इस बाग़ी दिल को क्योंकर समझाऊं? मुझे मुंह में कालिख लगाना मंजूर है, मुझे जहन्नुम की मुसीबतें झेलना मंजूर है, मैं सारी दुनिया के गुनाहों का बोझ अपने सर पर लेने को तैयार हूँ, सिर्फ इस वकत मुझे गुनाही करने की, वफ़ा के पैमाने को तोड़ने की, नमकहराम बनने की तौफ़ीक दे!